Class 8 Extra Question-Answer of History Chapter 2 Vyapar se samrajya tak
प्रश्न 1.
ईस्ट इंडिया कम्पनी को प्राप्त चार्टर (इजाजतनामा) से क्या लाभ था?
उत्तर:
चार्टर से लाभ था इंग्लैंड की कोई और व्यापारिक कम्पनी पूर्व में ईस्ट इंडिया कम्पनी से होड़ नहीं कर सकती थी।
प्रश्न 2:
ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना कब और कहाँ हुई?
उत्तर: ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना सन 1600 में लंदन में की गई।
प्रश्न 3:
पूर्व के साथ व्यापार करने का चार्टर (अनुमति पत्र) कम्पनी को किसने किया?
उत्तर: महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने।
प्रश्न 4:
कौन-सी पश्चिमी ताकत सबसे पहले भारत में आई?
उत्तर: पुर्तगाली।
प्रश्न 5:
किसने भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज की और कब?
उत्तर: पुर्तगाली नाविक वास्को डी गामा ने 1498 में भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज की।
प्रश्न 6:
भारत में पुर्तगाली अड्डा कहाँ था?
उत्तर: गोवा में था।
प्रश्न 7:
यूरोपीय शक्तियों के लिए प्रमुख व्यापारिक वस्तुएँ कौन-सी थीं?
उत्तर: सूती एवं रेशमी कपड़े, काली मिर्च, लौंग, इलायची, आदि।
प्रश्न 8:
वाणिज्यिक से क्या आशय है?
उत्तर:
एक ऐसा व्यापारिक उद्यम जिससे चीजों को सस्ता खरीदकर तथा महँगा बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया जाता है। इसे व्यापार के रूप में लाभ कमाने का माध्यम माना जाता है।
प्रश्न 9:
भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज किसने और कब की?
उत्तर:
पुर्तगाली नाविक वास्को डी गामा ने 1498 में भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज की।
प्रश्न 10:
भारत में पुर्तगाली ठिकाना कहाँ था?
उत्तर:
भारत में पुर्तगाली ठिकाना गोवा में था।
प्रश्न 11:
भारत में किस मार्ग से व्यापारी आए?
उत्तर:
स्पेन और पुर्तगाल (दक्षिण अमेरिका) का चक्कर काटकर हिन्द महासागर पर करके भारत आए।
प्रश्न 12:
भारत में पुर्तगालियों के अतिरिक्त और किन विदेशी शक्तियों ने व्यापारिक ठिकाने बनाये और भारत के साथ व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित किये?
उत्तर:
डच एवं फ्रांसीसी।
प्रश्न 13:
यूरोपीय कम्पनियों के लिए प्रमुख व्यापारिक वस्तुएँ कौनसी थीं?
उत्तर:
सूती एवं रेशमी कपड़े, काली मिर्च, लौंग, इलायची, दालचीनी आदि।
प्रश्न 14:
पहली इंग्लिश फैक्टरी (कारखाना) की स्थापना कब और कहाँ की गई थी?
उत्तर:
पहली इंग्लिश फैक्टरी की स्थापना 1651 में हुगली नदी के किनारे की गई थी।
प्रश्न 15:
भारत में पहली इंग्लिश फैक्टरी की स्थापना के समय कम्पनी के व्यापारी का नाम क्या था?
उत्तर:
ब्रिटिश व्यापारियों को फैक्टर के नाम से जाना जाता था।
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